Happy Dushera –
आप सभी को learnmany.in की तरफ से हैप्पी विजयदशमी हमारी तरफ से विजयदशमी की आपको हार्दिक बधाई हम तो बस यही कामना करते हैं कि आपके घर में सुख शांति व समृद्धि बनी रहे श्री रामचंद्र जी महाराज की आपके घर पर वह सिर पर हाथ हाथ रखे रहे।
आपको किसी मुसीबत का सामना ना करना पड़े वह श्री रामचंद्र जी महाराज आपके कार्य में सुख शांति व समृद्धि प्रदान करे।
आपको किसी मुसीबत का सामना ना करना पड़े वह श्री रामचंद्र जी महाराज आपके कार्य में सुख शांति व समृद्धि प्रदान करे।
दशहरे वाले दिन करे हैं आप आज काम श्री रामचंद्र महाराज जी पधारे आपके द्वारा
विजयदशमी दशहरे वाले दिन करें यह काम श्री रामचंद्र जी महाराज पधारेंगे आपके द्वारे चलिए बताते हैं आपको वह कार्य जो करने से आपके घर में श्री रामचंद्र जी महाराज का हां सदैव आपके सिर पर बना रहे ।
दशहरा यानी विजयादशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। दशमी तिथि पर भगवान राम ने रावण का वध कर किया था और माता सीता को वापस लेकर आए थे, जिसकी खुशी में हर दशहरे का त्योहार मनाया जाता है। इस साल दशहरा 05 अक्टूबर को है। इस दिन देशभर में रावण दहन होगा।
दशहरा या विजयदशमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति के वीरता का पूजक, शौर्य का उपासक है। आश्विन शुक्ल दशमी को मनाया जाने वाला दशहरा यानी आयुध-पूजा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है।
असत्य पर सत्य की विजय – भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिए इस दशमी को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। दशहरा वर्ष की तीन अत्यंत शुभ तिथियों में से एक है, अन्य दो हैं चैत्र शुक्ल की एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा। इसी दिन लोग नया कार्य प्रारंभ करते हैं, इस दिन शस्त्र-पूजा, वाहन पूजा की जाती है।
प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी जैसे अवगुणों को छोड़ने की प्रेरणा हमें देता है।
शक्ति के प्रतीक का उत्सव- शक्ति की उपासना का पर्व शारदेय नवरात्रि प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाया जा रहा है। इस मौके पर लोग नवरात्रि के नौ दिन जगदंबा के अलग-अलग रूपों की उपासना करके शक्तिशाली बने रहने की कामना करते हैं। भारतीय संस्कृति सदा से ही वीरता व शौर्य की समर्थक रही है। दशहरे का उत्सव भी शक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला उत्सव है।
बुराई पर अच्छाई की विजय- इस दिन क्षत्रियों के यहां शस्त्र की पूजा होती है। इस दिन रावण, उसके भाई कुंभकर्ण और पुत्र मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं। कलाकार राम, सीता और लक्ष्मण के रूप धारण करते हैं और आग के तीर से इन पुतलों को मारते हैं जो पटाखों से भरे होते हैं। पुतले में आग लगते ही वह धू-धू कर जलने लगता है और इनमें लगे पटाखे फटने लगते हैं और उससे उसका अंत हो जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।